रविवार, 29 जून 2014

आदमी की आदतें


माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती,
यहाँ आदमी आदमी से जलता है..

दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं

पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा कि जीवन में मंगल है या नही..

ज़िन्दगी में ना ज़ाने कौनसी बात "आख़री" होगी,
ना ज़ाने कौनसी रात "आख़री" होगी..

मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से,

ना जाने कौनसी "मुलाक़ात" आख़री होगी..

अगर जींदगी मे कुछ पाना हो तो
तरीके बदलो, ईरादे नही..

आदमी की आदतें

प्रेमी की शुरुआत

प्रेमी की शुरुआत अक्सर झूठ से शुरू होती है, पर खत्म सच के साथ होती है,
प्रेमी अक्सर अपने रिश्ते को समाप्त ये जान कर करते है की रिश्ते के लिए झूठ का सहारा लिया गया, मगर उन्हें तो पहले ये सोचना चाहिए की आप ने झूठ को ही स्वीकार किया, जब सच की बरी आई तो आप ने सच को ठोकर मार दिया, क्या ये सही है, क्या आप को ऐसा काम करना चाहिए था? 


जरा सोच कर देखिये