प्रेमी की शुरुआत अक्सर झूठ से शुरू होती है, पर खत्म सच के साथ होती है,
प्रेमी अक्सर अपने रिश्ते को समाप्त ये जान कर करते है की रिश्ते के लिए झूठ का सहारा लिया गया, मगर उन्हें तो पहले ये सोचना चाहिए की आप ने झूठ को ही स्वीकार किया, जब सच की बरी आई तो आप ने सच को ठोकर मार दिया, क्या ये सही है, क्या आप को ऐसा काम करना चाहिए था?
जरा सोच कर देखिये
प्रेमी अक्सर अपने रिश्ते को समाप्त ये जान कर करते है की रिश्ते के लिए झूठ का सहारा लिया गया, मगर उन्हें तो पहले ये सोचना चाहिए की आप ने झूठ को ही स्वीकार किया, जब सच की बरी आई तो आप ने सच को ठोकर मार दिया, क्या ये सही है, क्या आप को ऐसा काम करना चाहिए था?
जरा सोच कर देखिये
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