रविवार, 16 अगस्त 2015

नारी सशक्तिकरण: इस महिला अफसर को सलाम

असम की पहली महिला IPS अफसर संजुक्ता पराशर शोणितपुर जिले के जंगलों में आतंकवाद-विरोधी ऑपरेशन चला रही हैं। पराशर ने इस ऑपरेशन के तहत अब तक 16 आतंकियों को मार गिराया है, जबकि 64 आतंकियों की गिरफ्तारी की है।

रविवार, 29 जून 2014

आदमी की आदतें


माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती,
यहाँ आदमी आदमी से जलता है..

दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं

पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा कि जीवन में मंगल है या नही..

ज़िन्दगी में ना ज़ाने कौनसी बात "आख़री" होगी,
ना ज़ाने कौनसी रात "आख़री" होगी..

मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से,

ना जाने कौनसी "मुलाक़ात" आख़री होगी..

अगर जींदगी मे कुछ पाना हो तो
तरीके बदलो, ईरादे नही..

आदमी की आदतें

प्रेमी की शुरुआत

प्रेमी की शुरुआत अक्सर झूठ से शुरू होती है, पर खत्म सच के साथ होती है,
प्रेमी अक्सर अपने रिश्ते को समाप्त ये जान कर करते है की रिश्ते के लिए झूठ का सहारा लिया गया, मगर उन्हें तो पहले ये सोचना चाहिए की आप ने झूठ को ही स्वीकार किया, जब सच की बरी आई तो आप ने सच को ठोकर मार दिया, क्या ये सही है, क्या आप को ऐसा काम करना चाहिए था? 


जरा सोच कर देखिये

शनिवार, 1 जून 2013

वास्तव

यह उस समय की बात है जब भारत में अंग्रेजों का शासन था। खचाखच भरी एक रेलगाड़ी चली जा रही थी। यात्रियों में अधिकतर अंग्रेज थे। एक डिब्बे में एक भारतीय मुसाफिर गंभीर मुद्रा में बैठा था। सांवले रंग और मंझले कद का वह यात्री साधारण वेशभूषा में था इसलिए वहां बैठे अंग्रेज उसे मूर्ख और अनपढ़ समझ रहे थे और उसका मजाक उड़ा रहे थे। पर वह व्यक्ति किसी की बात पर ध्यान नहीं दे रहा था। अचानक उस व्यक्ति ने उठकर गाड़ी की जंजीर खींच दी। तेज रफ्तार में दौड़ती वह गाड़ी तत्काल रुक गई। सभी यात्री उसे भला-बुरा कहने लगे। थोड़ी देर में गार्ड भी आ गया और उसने पूछा, ‘जंजीर किसने खींची है?’ उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, ‘मैंने खींची है।’ कारण पूछने पर उसने बताया, ‘मेरा अनुमान है कि यहां से लगभग कुछ दूरी पर रेल की पटरी खराब हो गयी है।’ गार्ड ने पूछा, ‘आपको कैसे पता चला?’ वह बोला, ‘श्रीमान! मैंने अनुभव किया कि गाड़ी की स्वाभाविक गति में अंतर आ गया है।पटरी से गूंजने वाली आवाज की गति से मुझे खतरे का आभास हो रहा है।’

गार्ड उस व्यक्ति को साथ लेकर जब कुछ दूरी पर पहुंचा तो यह देखकर दंग रहा गया कि वास्तव में एक जगह से रेल की पटरी के जोड़ खुले हुए हैं और सब नट-बोल्ट अलग बिखरे पड़े हैं। दूसरे यात्री भी वहां आ पहुंचे। जब लोगों को पता चला कि उस व्यक्ति की सूझबूझ के कारण उनकी जान बच गई है तो वे उसकी प्रशंसा करने लगे। गार्ड ने पूछा,‘आप कौन हैं?’ उस व्यक्ति ने कहा, ‘मैं एक इंजीनियर हूं और मेरा नाम है डॉ. एम. विश्वेश्वरैया।’­ नाम सुन सब स्तब्ध रह गए। दरअसल उस समय तक देश में डॉ. विश्वेश्वरैया की ख्याति फैल चुकी थी। लोग उनसे क्षमा मांगने लगे।

रविवार, 21 अप्रैल 2013

गंदगी दिमाग में होती है


दामिनी कांड के बाद जो लोग दुष्कर्म जैसी घटनाओं के लिए लडकियों की स्वछंदता, कपड़े पहनने के तरीकों और भडकाऊ अदाओं आदि को जिम्मेदार ठहरा रहे थे उनसे सिर्फ इतना पूछना चाहूँगा की क्या 5 साल की नन्ही सी गुडिया पर भी ये बातें लागु होती हैं ?
वह पांच साल की बच्ची है, न अश्लील कपड़े पहनती है,
न बेवक्त घर से बाहर निकलती है, न बार में जाकर पार्टी करती है
और न ही दोस्तों के साथ घूमती है।
लेकिन फिर भी अस्पताल में भर्ती है। आखिर क्यों?
गुड़िया रेप के बाद कई लोगों ने अपने तर्कों में कहा है कि पहनावा और फिल्में भी मानवीय व्यवहार में आ रही विकृती का एक बड़ा कारण है?
क्या गुड़िया रेप केस से यह साबित नहीं होता कि गंदगी दिमाग में होती है, पहनावे में नहीं?आपकी राय क्या है??

शुक्रवार, 15 मार्च 2013

मीडिया और उनके सवाल?

भगवान राम जब अयोध्या लौट कर आये थे,
यदि उस समय
हमारी मिडिया रही होती तो प्रेस
कांफ्रेंस में कैसे कैसे सवाल करती.....

1-आपके टीम के श्री हनुमान को लंका सन्देश
देने भेजा था पर उन्होंने वहाँ आग
लगा दी.... क्या आपकी टीम में अंदरूनी तौर
पर वैचारिक मतभेद है?

2- क्या हनुमान के ऊपर अशोक
वाटिका उजाड़ने के आरोप में वन विभाग
द्वारा मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए?

3- आपके सहयोगी श्री सुग्रीव पर अपने भाई
का राज्य हड़पने का आरोप है|....क्या आपने
इसकी जांच करवाई?

4- क्या ये सच है कि सुग्रीव की राज्य हड़पने
की साजिश के मास्टर माइंड आप है?

5- आप चौदह साल तक वनवास में रहे...
आपको अपने खर्चे चलाने के लिए फंड कहाँ से
मिले?

6- क्या आपने उस फंड का ऑडिट करवाया है?

7- आपने सिर्फ रावण पर हमला क्यों किया,
जबकि राक्षस और भी थे? क्या ये
लंका की डेमोक्रेसी को अस्थिर करने
की साजिश थी?

8- क्या ये सच नहीं है कि रावण को परेशान
करने के मकसद से आपने उनके परिवार के
निर्दोष लोगो जैसे कुम्भकरण पर
हमला किया?

9- क्या आपकी टीम के हनुमान
द्वारा संजीवनी बूटी की जगह पूरा पहाड
उखाड़ लेना सरकारी जमीन के साथ छेड़छाड़
नहीं?

10- क्या ये सच नहीं कि आपने हमले से पहले
समुद्र पर पुल बनाने का ठेका अपने
करीबी नल और नील को नहीं दिया?

11- आपने पुल बनाने के लिए
छोटी छोटी गिलहरियों से काम
करवाया..... क्या इसके लिए आप पर बाल
श्रम कानून के तहत
मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए?

12- आपने बिना किसी पद पर रहते हुए युद्धके
समय इन्द्र से सहायता प्राप्त की और
उनका रथ लेकर रावण पर हमला किया..
क्या आप इन्द्र की टीम ए है?

13- इस सहायता के बदले में क्या आपने इन्द्र
को ये
वादा नहीं किया कि अयोध्या का राजा बनने
के बाद आप उन्हें अयोध्या के आस पास
की जमीन दे देंगे?

14- आप युद्ध में अयोध्या से रथ न मंगवा कर
इन्द्र से रथ लिया.... क्या ये इन्द्र
की कंपनी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्यसे
किया गया?

शनिवार, 9 फ़रवरी 2013

महत्त्वपूर्ण पाठ


एक जाने-माने स्पीकर ने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी सेमीनार शुरू की. हाल में बैठे सैकड़ों लोगों से उसने पूछा ,” ये पांच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?” हाथ उठना शुरू हो गए.

फिर उसने कहा ,” मैं इस नोट को आपमें से किसी एक को दूंगा पर उससे पहले मुझे ये कर लेने दीजिये .” और उसने नोट को अपनी मुट्ठी में चिमोड़ना शुरू कर दिया. और फिर उसने पूछा,” कौन है जो अब भी यह नोट लेना चाहता है?” अभी भी लोगों के हाथ उठने शुरू हो गए.

“अच्छा” उसने कहा,” अगर मैं ये कर दूं ? “ और उसने नोट को नीचे गिराकर पैरों से कुचलना शुरू कर दिया. उसने नोट उठाई , वह बिल्कुल चिमुड़ी और गन्दी हो गयी थी.

“ क्या अभी भी कोई है जो इसे लेना चाहता है?”. और एक बार फिर हाथ उठने शुरू हो गए.

“ दोस्तों , आप लोगों ने आज एक बहुत महत्त्वपूर्ण पाठ सीखा है. मैंने इस नोट के साथ इतना कुछ किया पर फिर भी आप इसे लेना चाहते थे क्योंकि ये सब होने के बावजूद नोट की कीमत घटी नहीं,उसका मूल्य अभी भी 500 था.

जीवन में कई बार हम गिरते हैं, हारते हैं, हमारे लिए हुए निर्णय हमें मिटटी में मिला देते हैं. हमें ऐसा लगने लगता है कि हमारी कोई कीमत नहीं है. लेकिन आपके साथ चाहे जो हुआ हो या भविष्य में जो हो जाए , आपका मूल्य कम नहीं होता. आप स्पेशल हैं, इस बात को कभी मत भूलिए.

कभी भी बीते हुए कल की निराशा को आने वाले कल के सपनो को बर्बाद मत करने दीजिये. याद रखिये आपके पास जो सबसे कीमती चीज है, वो है आपका जीवन.”