भ्रष्टाचार दूर करें ..क्या सिर्फ सरकार को दोष देने से भ्रष्टाचार दूर हो सकता है ? क्या मिलावट , स्कूलों में दाखला, पोस्टिंग , दहेज़ -आदि आदि .. हर स्तर पर रिश्वत का बाज़ार गर्म है , व्यवस्था कहाँ कहाँ झाकेंगी -कुँए में ही मदिरा घुली हो तो ---जब तक हम अपने को नही बदलेंगे कुछ भी बदल नही सकता। जिम्मेदार हम होते हैं .सरकार में भी हम ही होते हैं, व्यवस्था में भी हम . पाश्चात्य सभ्यता को दोष देने की हमारी प्रकृति नही, प्रवृति बन गयी है।।/किन्तु कोई एक बार भी विदेश गए हों तो उन्होंने देखा होगा एक बच्चा भी रास्ते पर कागज का टुकड़ा ,टौफ़ी का पेपर नही फेकता है।।वहां अनुशासन जन्म से ही मिलता है।पर हम वहां की अच्छाइयाँ नही बुराइयां ही सीखते हैं। ।।और अपने ही शहर को कचरा बना डालते हैं। भ्रष्टाचार दूर करना है तो अपने आप को बदलें ....
आप को क्या लगता है जरुर बताये?
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